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Loan kya hai - Types of Loan in Hindi

Loan kya hai ? कभी कभी हमारे जीवन मे पैसे की बहुत जरूरत होती है और बहुत कोशिश करने के बाद भी हमे हमारे रिश्तेदारों या दोस्तों से मदद नही मिल पाती और उस हालात में काम आता है loan . और आज मैं आपको पूरे विस्तार के साथ Loan kya hai ? लोन क्या है (what is loan) Loan kaise ले और Loan Types in Hindi बताऊंगा। इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पूरी तरह से पढ़ियेगा तो आपको लोन से सम्बंधित लगभग पूरी जानकारी मिल जाएगी।
LOAN शब्द आते ही हमारे बहुत सारा पैसा और किसी न किसी बैंक का तस्वीर मन मे आने लगता है।
आपको लोन चाहिए तो आज भी बैंक ही लोन देती है  और आज कल बहुत सारे लोन ऐप्प भी लांच हो चुके हैं जो आपको अपने माध्यम से लोन provide करवाती हैं। लोन का मतलब जब हम किसी दूसरे से पैसा लेते है तो एक निश्चित समयावधि में ब्याज के साथ मूल धन लौटाना होता है।

दूसरे भाषा मे इसको कहें तो जब कोई जरूरतमंद इंसान किसी से कोई वस्तु या पैसा उधार लेता है। फिर एक निश्चित समय के अंदर उसको वस्तु के बदले पैसे या शुद्ध पैसे ब्याज दर और कुछ दूसरे चार्ज के साथ चुकाना होता है तो इसी राशि (amount) को हम लोन राशि (loan amount) कहते हैं।

कोई व्यक्ति या संस्था जिसके पास देने के लिए वस्तु या पैसे हो तो इसको Loan कहते हैं यानी की Loaning .
कुछ बैंक ऐसी भी होती है जो समय समय पर लोन लेने के लिए प्रचार और ऑफऱ करते रहती है। लेकिन हमको लोन लेने से पहले बहुत सारी जानकारियां होनी चाहिये और ऐसी जानकारी loan kya hai in hindi आज के आर्टिकल में मैं आपको देने की पूरी कोशिश करूंगा।

Loan kya hai ,Types of Loan in Hindi
लोन क्या है


Loan kya hai


लोन क्या है, (what is loan in hindi) LOAN का कनेक्शन घूमा-फिरा कर देखा जाए तो सीधे बैंको से होता है और लोन हमारे जीवन को सरल और आसान बनाती है, उधार के पैसों के लिए हमे इधर- उधर नही भटकना पड़ता।

Loan बहुत प्रकार के कार्यों को पूरा करने के लिए दिया जाता है। जैसे- गाड़ी खरीदने, घर बनाने, बच्चों को पढ़ाने या शादी करने,रोगों का इलाज करने इत्यादि।

अब आपको समझ आ गया होगा कि किसी भी चीज को खरीदने के लिए किसी जरूरी काम करने के लिए या बिजनेस को बढाने के लिए या किसी पर्सनल काम के लिए Bank या किसी फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट के लिए ली जाने वाली फाइनेंशल हेल्प को ही Loan (लोन) या फिर कर्जा कहा जाता है। इसके बदले में कस्टमर यानी लोन प्राप्त करने वाला व्यक्ति एक निश्चित समय के अंदर, बैंक या फाइनेंशियल कंपनी को EMI (equated monthly installment) के रूप में ब्याज के साथ Loan का पूरा amount वापस कर देता हैं।


           Loan Main Parts


Loan के मुख्यतः 3 भाग होते हैं 

1. Principal Amount (मूल राशि) 
  जो कि हम लोन के रूप में स्वीकार करते हैं

2. Interest Rate (ब्याज दर)

3. Loan चुकाने के समय यानी Loan Duration


Principal Amount - जब हम किसी financial इंस्टीट्यूट या व्यक्ति से Loan के रूप में मूल राशि लेते है,Principal Amount वापस करते समय हमलोगों को ब्याज दर भी वापस करना होता है।

Interest Rate - जब हम किसी से उधार पैसा या लोन लेते है तो उसमें हमें ब्याज दर भी देना होता है,
Interest Rate हमारे मूल राशि के साथ शुरू से जुड़ा रहता है और समय समय पर किश्त के रूप में ब्याज दर के साथ मूल राशि वापस करना होता है जिसको हम rate of interest amount भी कह सकते हैं।

Loan Duration - जब हम लोन लेते है तो लोन कम्पनी या व्यक्ति शर्त रखता है कि हमे इतने समय के अंदर किश्त के रूप में या एक बार मे पूरे पैसे वापस कर देना है। यहां आपको 3 महीने,6 महीने, 1 साल या कोई दूसरा समय में लोन वापस करना होता है उसको ही हम Loan Duration कहते हैं।


Types of Loan in Hindi 


Loan के मुख्यतः दो types यानी कि श्रेणी होते हैं, पहला secured और दूसरा unsecured लोन।



 1. Secured Loan 

Secured Loan में बैंक या व्यक्ति के पास आपको कोई सम्पति गिरवी रखनी होती है। Gold Loan, Car Loan, Home Loan सिक्योर्ड लोन में आते हैं। अगर आप auto loan या फिर होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो उसमें लोन देने वाले कंपनी का भी हिस्सा रहता है जब तक कि आप उसके ब्याज सहित सारे पैसे वापस नही कर देते,इसके बाद आपको sole ownership क्लेम करना होता है उसके बाद कार या होम पूरी तरह से आपकी हो जाती है।


 2. Unsecured Loan 

Unsecured Loan इसमे आपको लोन देने वाले व्यक्ति या संस्था के पास कोई सम्पति गिरवी नही रखनी होती, दूसरी भाषा मे इसको हम personal loan भी बोल सकते हैं। इसको क्लेम करने के लिए कोई सिक्योरिटी या गारंटी की जरूरत नहीं होती। लेकिन एक शर्त होता है आपका CIBIL
Score लोन को देते समय NBFC या बैंक यही देखती है। घुमा-फिरा कर इस लोन को लेने के लिए आपकी वित्तीय स्थिति को अच्छे से जांचा जाता है।


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टाइम प्रियड के हिसाब से LOAN 3 तरह के होते हैं।

1.  शार्ट टर्म लोन:  जिसमें पैसे लौटा ने का समय 1 साल से कम का होता है।

2.  मीडियम टर्म लोन: जिसमें पैसे लौटा ने का समय 1 साल से 3 साल के बीच में होता है।

3. लॉन्ग टर्म लोन: जिसमें पैसे लौटा ने समय 3 साल से ज्यादा का होता है।



Types Of Loan in Hindi


चलिये अब हम बात करते हैं कि इंडिया में Banks या Financial Institute   कितनी तरह के लोन प्रोवाइड करते हैं यानी Loan के कितने प्रकार होते हैं

1. Prasniol Loan (पर्सनल लोन) 

 2. Gold Loan (गोल्ड लोन) 

 3. Security Loan(सिक्योरिटी के बदले में                        
     मिलने वाला लोन) 

 4. Property Loan (प्रॉपर्टी लोन)

 5. Home Loan (होम लोन) 

 6. Education loan (एजुकेशन लोन) 

 7. Vehicle or car loan (वाहन या कार का 
     लोन) 

 8. Corporate loan (कॉरपोरेट लोन) 



Personal Loan   


1. Personal Loan - खुद के लिए लिया हुआ लोन,वैसे तो Loan सब खुद के है लिए ही लेते हैं लेकिन पर्सनल लोन का मतलब होता है Personal कामो के लिए Loan लेना। जैसे की बच्चों की स्कूल फीस भरनी हो, किसी का इलाज कराना हो, या किसी को महंगी गिफ्ट देनी हो,या फिर घर का कोई सामान वगेरह लेना हो, पर्सनल लोन के लिए हर बैंक के लिए अपनी अपनी ब्याज दर होती है।
जैसे आज की डेट में Personal Loan के लिए  SBI 12.50% से 16.60% percent तक सालाना इंटेरेस्ट वसूल रहा है।

HDFC Bank - 10.99% से 20.75% percent तक सालाना interes वसूल रहा है।

यह भी जान लेना जरुरी है की Personal Loan की ब्याज दर दूसरे लोन के मुकाबले में ज्यादा होती है। वैसे तो बैंक आपको पर्सनल लोन देते समय ज्यादा Document( डॉक्यूमेंट) नहीं मांगते बस आपकी सैलरी देखते हैं,और लोन को issued कर देते हैं। Personal Loan आपको 5 साल तक के लिए मिल सकता है। इस लोन को आप (NBFC) Non Banking Financial Company
से भी ले सकते हैं


Gold Loan

                       
2. Gold Loan - यह बैंक में गोल्ड रखने के बाद cash लेने वाला प्रोसेस होता है जिसको गोल्ड लोन बोलते हैं,आपको गोल्ड बैंक लोकर में रखने का होता है इस तरह के लोन आपको जमा किए गए गोल्ड की Quality (क्वॉलिटी) और Price (प्राइस) पर मिलते हैं।

Gold Loan वीहेवियर मैं यह देखा गया है के बैंक आपके Gold की कीमत के 80% percent तक Loan दे देते हैं। Gold आम तौर पर Emergency(इमरजेंसी) नियश को पूरा करने के लिए लेते हैं, इस loan पर लिया जाने वाला ब्याज दर पर्सनल लोन की तुलना में काफी कम होता है। 
आज की डेट में SBI(स्टेट बैंकऑफ इंडिया) 11.15% percent सालाना interest वसूल रहा है जब की HDFC बैंक 10% percent सालाना इंटरेस्ट वसूल रहा है।



Security Loan
 

3. Security Loan - इसमें बैंक आपके सिक्योरिटी पेपर को रख कर के लोन देता है मगर सवाल यह उठता है कि
Security Paper क्या होते हैं ? अगर आपने share Demand, Mutual Fund,Insurance skim में पहले से Invest ( खर्च) किया है तो यही आपके सिक्यूरिटी पेपर होते हैं। जिस के बदले में बैंक आपको लोन दे देता है। इन पेपर की बहुत ज्यादा वैल्यू होती है।
अगर आप लोन चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं, तो बैंक आपके सिक्योरिटी पेपर को जप्त कर लेता है और बाजार में बेच देता है। आप इन सिक्योरिटी पेपर को बैंक में गिरवी रख सकते हैं, बैंक आप को आप के पेपर के आधार पर की फैसिलिटी देता है, इसका मतलब होता है जितने पैसे आपके अकाउंट में है उससे ज्यादा पैसे निकालने की सुविधा, अगर आपके अकाउंट में  0 जीरो बैलेंस है तब भी आप अपने अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं। इसी को security loan  या Overdraf (ओवरड्राफ) भी कहा जाता हैं।


Property Loan


4. Property Loan - वह लोन है जो बैंक आपके प्रॉपर्टी आपके कागजात को गिरवी रख के देता है, Property Loan ज्यादा से जादा 15 साल तक के लिए मिल सकता है। आम तौर पर पर प्रॉपर्टी की जो कीमत होती है, उसका 40% से 60% percent तक लोन मिल जाता है।


Home Loan


5. Home Loan - घर खरीदने के लिए जो लोन लिया जाता है वह home loan कहलाता है। आप सिर्फ घर बनाने के लिए ही लोन नहीं लेते बल्कि आप घर बनाने की कीमत मकान का रजिस्ट्रेशन कस्टम ड्यूटी वगेरा के खर्चे को जोड़ कर बैंक से लोन ले सकते है।बैंक आपकी कुल राशी के खर्चे का 75% परसेंट से लेकर 85% तक लोन दे सकती है। बाकी पैसों का जुगाड़ घर बनाने के लिए आपको खुद को ही करना पड़ता है।

मान लीजिए की आपने प्लोट के लिए लोन लिया जिसकी कीमत 6 लाख है तो आप बैंक को सिर्फ 6 लाख का 30% प्रसन्ट यानी के 180000 रुपए देगें और बाकी की रकम आप धीरे-धीरे चुकाते रहेंगे।

होम लोन चुकाने का टाइम पीरियड 5 साल से लेकर के 20 साल तक हो सकता है। होम लोन की शर्तो मे ब्याज के साथ कुछ फिस भी शामिल होती है,जैसे प्रोसेसिंग फिस, लिगल फिस वगैरह वगैरह।


Education Loan
     

6. Education Loan - उस loan को कहा जाता है जिसमे कोई Student अपनी शिक्षा को पूर्ण करने के लिए लेता है। इसके लिए हम बैंक या फिर NBFCs को अप्लाई कर सकते हैं।
बैंक Education Loan देने से पहले स्टूडेंट्स की कैपेसिटी जांच पड़ताल करता है और ज्यादातर उन्ही स्टूडेंट्स को ये लोन मिल पाता है जो इसको वापस करने में सक्षम होते हैं।
बैंक स्टूडेंट की कैपेसिटी की जांच 2 तरह से करते है या तो उनके घर जाकर उनकी इनकम को देखता है या फिर लोन लेने वाले स्टूडेंट किस यूनिवर्सिटी में जा रहे हैं? क्या वे वहां से पढ़कर वह पैसे कमा पाएंगे या नहीं, यह सब देख कर बैंक लोन को Approve करती है पढ़ाई खत्म होने के बाद स्टूडेंट Repayment कर सकता है।

Educational Loan लेने के लिए एक गारंटर की जरूरत पडती है। गारंटर लोन लेने वाले के घर का या रिश्तेदार भी हो सकते हैं।

आज की Date (डेट) में SBI 7.50 लाख से ऊपर Education Loan के लिए 10.70% percent और 7.50 लाख तक के एजुकेशन लोन के लिए 9.95%  interest rate चार्ज कर रहा है।



Vehicle or Car Loan


7. Car or Vehicle Loan - Bank वाहन या कार खरीदने के लिए लोन के तौर पर तरह-तरह की scheme or offers देते रहते हैं। यह लोन बाकी दूसरे लोन की तरह ही अलग अलग समय के लिए Fixed या Floating रेट पर दिए जाते हैं।

Fixed रेट का मतलब होता है FIXED INTREST RATE जब आप लोन ले रहे होते हैं तो उस समय जो ब्याज दर लागू रहती है वही ब्याज दर पूरे लोन को चुकाने तक लागू रहती है।

FLOATING INTREST RATE: वो रेट होती है जो समय आने पर बदल भी सकती है कम या ज्यादा भी हो सकती है और उसी के एकाउंटिंग आपके लोन का इंटरेस्ट रेट कम या ज्यादा हो सकता हैं।

बैंक आपको Car or Vehicle Loans देने से पहले ही पूछ लेती है के आप Fixed Rate पर लोन लेना चाहते हैं या फिर Floating Rate पर लोन लेना चाहते हैं जब तक पूरा लोन का Payment (पेमेंट) नहीं हो जाता है तब तक कार पर मालिकना अधिकार लोन देने  वाले Bank का ही होता है आपको बैंक में सैलरी स्लिप और पिछले दो या तीन साल का इनकम टैक्स रिटर्न जमा करना पड़ता है इसके अलावा id प्रूफ और Address (एड्रेस) प्रूफ भी आपको जमा करना होता है New cars (नइ करो) के लिए इंटरेस्ट रेट और दूसरे चार्ज USD CARD से अलग होते हैं।



Corporate loan


8. Corporate Loan -  बैंक जब बडे़ खिलाड़ीयो जैसे निरव मोदी, विजय माल्या, मुकेश अंबानी, टाटा वगैरह को लोन मोहैय्या कराता है उसी को Corpate loan कहते हैं।



Loan सम्बंधित Important   Concepts 


Income - लोन देने वाली कंपनी या संस्था का फोकस आपके repayment capacity पर होती है और किसी भी आवेदनकर्ता को समझना चाहिये कि वो बैंक का Income Requirements पूरा कर सकता है या नहीं।जितना ज्यादा आपका Income होगा उतना ही बड़ा आप लोन अप्लाई कर सकते हो वो भी लंबे समय तक के लिए।

Age -  अगर आप ज्यादा उम्र के है और कोई व्यक्ति कम उम्र की है तो उसके तुलना में आपको Long Term Loan Approved करवाने में ज्यादा परेशानी हो सकती है, यानी जितनी आपकी कम उम्र होगी उतनी ही जल्दी लोन approval भी मिलेगी।

Down payment -  मान लो कि आपने 8 लाख की कोई कार खरीदी और 7 लाख का आपने Car Loan लिया है तो जो 1 लाख बचा उसी को Down Payment कहा जाता है। यानी आपको पहले 1 लाख का down payment राशि डीलर को देनी होगी।

Tenure -  जब आपको लोन दिया जाता है तो उसको वापस करने की एक समयावधि भी होती है उसी को Tenure कहते हैं। और आप उस समयावधि के अंदर लोन को पूर्ण रूप से नही चुका पाते है तो इसके लिए आपसे fine भी वसूला जाता है और किसी किसी केस में कुर्की जब्ती भी किया जाता है।

Interest - जब आप लोन लेते हो तो उसके लोन राशि के साथ ब्याज दर भी जुड़ा होता है 7 से 20 प्रतिशत तक। मान लो कि आपको 7 लाख का लोन चाहिए तो उसको वापस करते समय उसके साथ Interest भी वापस करना होता है।

EMI - इसका फूल फॉर्म Equated Monthly Installements होता है। इसको हिंदी में किश्त कहते हैं, जब हम लोन लेते है तो मूल राशि के साथ ब्याज राशि को जोड़ कर लें देने वाली कम्पनी एक किश्त यानी EMI तैयार करती है और एक समयावधि देती है। मान लो कि आपने 2 लाख का लोन लिया तो 2 लाख के साथ उसमे ब्याज दर जोड़ने के बाद लोन कम्पनी आपको लोन वापस करने का एक समय देगी की इतने दिन के अंदर 5 हजार रुपये हर महीने चुकाना है, तो यही 5 हजार आपके हर महीने का EMI कहलायेगा।


Loan ke fayde kya hai



Loan के फायदे - Benefits Of Loan in hindi

अब हमलोग Loan के फायदे और उसके Features को अच्छे से समझेंगे।

1. जब हम पैसो की अति आवश्यकता होती है तो हमारे ओएस एकमात्र रास्ता लोन ही होता है यानी ये हमारी आर्थिक वयवस्था को मजबूत करता है यानी हमे Financial Flexibility देता है और साथ मे रोज के खर्चे को अच्छी तरह से सम्भालने में मदद करता है।

2.  ज्यादातर लोन 24 से 48 घण्टे में ही approved हो जाते हैं यानी लोन availability आसान हो जाती है और शर्त ये रहती है कि सारे जरूरी Documents पहले से जमा करना होता है।

3. जब आप लोन लेते है तो आपको अपने हिसाब से समय चुनना होता है कि आप इसको कितने दिन में वापस कर सकते है, अंग्रेजी में इसको convenient tenure बोला जाता है। ज्यादातर लोन अवधि 12 माह से लेकर 60 माह तक के होते हैं।

4. लोन से आपको Tax Benefits भी होता है। Income Tax एक्ट ऑफ 1961 के तहत। टैक्स बेनिफिट्स की सुविधा लगभग हर प्रकार के लोन में होती है।



Loan अप्लाई करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें

Loan लेना सभी के लिए बहुत आसान होता है लेकिन लोन लेने से पहले बहुत सारी ऐसी बातें होती है जिसका आपको ध्यान रखना होता है, जैसे -

Credit Score - लोन लेने से पहले इसको चेक करना न भूले अपनी क्रेडिट स्कोर की history चेक कर ले। Credit Score यानी कि आपके द्वारा किया गया investment ली गयी लोन और Repayment Record होता है। कोई भी बैंक इसको जरूर देखता है या पूछता है और फिर decision लेता है कि इसको लोन देना चाहिए या नही। लगभग 750 को एक अच्छा credit score माना जाता है।

Rate Of Interest - यानी ब्याज दर, लोन लेने से पहले इसको जरूर देख लें कि ब्याज दर कितना है। और फिर लोन लेना है या नही इसका decision ले


Processing Fee और Others Charges 

आप लोन देने में देर करते हो तो आपको उसके बदले में processing और penalty fee देना पड़ता है। मान लो आपको हर महीने की 20 तारीख तक किश्त जमा करना है और आपने नही किया इस हालत में ये चार्ज वसूला जाता है। ये सारे चार्ज और फीस आपके बैंक और लोन राशि के हिसाब से लगाया जाता है।

Research - लोन अप्लाई करने से पहले सभी जगह रिसर्च करें कि कहां पर आपको कम ब्याज दर में लोन मिल रहा है और साथ मे EMI , Other Charges और Tenure भी रिसर्च कर लें।


Loan ke liye apply kaise kare


जब आप लोन लेने जाते हो तो पहले आप अपनी financial condition भी देख लो कि आप उस अमाउंट को वापस कर पाओगे या नही? क्योंकि एक निश्चित समयावधि के अंदर उस पैसे को वापस भी करना होता है।
अपनी जरूरत के हिसाब से आपको लोन लेना चाहिए, इसके लोए आप Offline या online apply कर सकते हो, ऑनलाइन करते समय आपको सभी चरण यानी स्टेप्स का पालन करना होगा और ऑफलाइन लेते समय बैंक में जाकर कर्मचारी या बैंक मैनेजर से मिलना होगा, और अपने लोन से सम्बंधित सारी जानकारियों को इकठ्ठा करना होगा फिर लोन अप्लाई करें


Loan Application के लिए Documents

Application Form

2-6 Photographs

पहचान पत्र

Residence Proof


Bank Statement (last 6 months)


Processing Fee Cheque


Latest Salary Slip (salaried person)


Proof Of Bussiness (Self-Employed)

Form 16   (salaried person)

Bussiness Profile and Previous 3 years Income Tax Returns (self and bussiness) Profit/Loss Balance Sheet
(Self-Employed) के लिए।



LOAN लेने की Eligibility 


AGE -  23-58 years (salaried)

            28-65 years (self-employed)


Income -   25000 (salaried)
          
                   40 lac turn-over कम से कम                             (self-employed)

CIBIL Score -  Minimum 700


Note - ये सभी data ज्ञान के लिए अनुमान से दिए गए हैं। ये समय के साथ बदल सकते हैं।



EMI Loan Calculator क्या है 

EMI Loan Calculator का उपयोग हम ब्याज दर और monthly payable amount के लिए करते हैं।
EMI को कैलकुलेट करने के लिए आपको लोन अमाउंट या फिर others value डालना होता है। जैसे - Principal Amount (P), Time Duration (N) और Rate Of Interest (R)



LOAN का 4 C's  Credit क्या है

लोन का 4C क्रेडिट होता है जिसमे character, capacity, capital और collateral आता है।


1. Character 

 इसका अर्थ हुआ लोन वाले व्यक्ति का background and current financial history यानी कि Loan लेने वाला व्यक्ति कैसा है उसका स्वभाव कैसा है और इसको चेक करने के लिए आपका credit score देखा जाता है।


2.  Capacity

इसमे आपके लोन वापस करने की क्षमता मापा जाता है। इसमे आपके नौकरी या बिजनेस की कैपेसिटी डोह जाता है कि आप लोन की राशि वापस कर पाओगे या नही। अगर कोई लोन नया व्यापारी को लोन देती है तो उसमें बहुत ज्यादा रिस्क हो जाता है और लोन नही मिल पाता।


 3.  Capital 

इसका अर्थ हुआ बिजनेस का capital assets, कम्पनी का machinery, equipment, product inventory, store and restaurants fixtures. Capital Assets के अंतर्गत आते हैं। कपंनी लोन देने से पहले capital assets का निरक्षण करती है ताकि आप लोन न चुकाने की हालत में हो तो आपके assets को बेचकर ये अपना पैसा वापस ले सके। किसी किसी केस में capital assets लोन राशि से कम के होते है और इससे लोन कम्पनी को loss हो जाता है।


 4. Collateral 

Collateral का अर्थ होता है assets और cash को गिरवी रखना अपने लोन राशि को सिक्योर करने के लिए इसका उपयोग बिजनेस मैन करते हैं।
क्रेडिट स्कोर अच्छा हो आपका बिजनेस भी अच्छा हो, आप इनकम भी generate कर रहे हो फिर भी बैंक के पास आपको सिक्योरिटी के तौर पर collateral करना होता है। इससे बैंक अपना लॉस होने से बचाती है अगर आप लोन वापस नही करते हैं तो।


क्या Collateral में Mutual Funds का इस्तेमाल Loan लेने के लिए कर सकते हैं?

Borrowers Collateral में Mutual Funds का इस्तेमाल Loan लेने के लिए आसानी से कर सकते हैं। अगर आपका आय यानी इनकम कम है और आपको लोन चाहिए तो म्यूच्यूअल फंड्स का इस्तेमाल आप कर सकते हैं। इसके लिए पहले आपको जरुरी कागज़ात के साथ एक फॉर्म भरना होता है उसके बाद mutual funds के हिसाब से लोन राशि आपको दे दिया जाता है।


Loan full details in hindi

इस आर्टिकल में पूरे विस्तार के साथ लोन क्या है? (What is Loan in Hindi) के बारे में बताया हूँ। इस पूरे पोस्ट के माध्यम से आपको Loan Kaise Le यानी लोन के लिए अप्लाई कैसे करें, Types of Loan in Hindi, Loan ke Fayde और भी लोन से जुड़ी जानकारी आपके साथ शेयर किया हूँ। पूरे आर्टिकल को अच्छे से पढ़ने के बाद आपको किसी दूसरी साइट की जरूरत नही पड़ेगी आप लोन से जुड़ी सारी कंकरी यहीं प्राप्त कर लोगे।

इस पोस्ट से सम्बंधित किसी प्रकार का कोई प्रश्न या परेशानी हो तो कृप्या कमेंट बॉक्स में हमें बताएं, आपकी हर सम्भव मदद की जाएगी।

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